परिचय
राष्ट्रपति निवास, जिसे पहले 'रिट्रीट' के नाम से जाना जाता था, भारत के माननीय राष्ट्रपति का ग्रीष्मकालीन आधिकारिक निवास है, जो शिमला, हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यह प्रतिष्ठित रिट्रीट पारंपरिक रूप से अप्रैल में होने वाले वार्षिक ग्रीष्मकालीन प्रवास के दौरान राष्ट्रपति की मेज़बानी करता है।
इतिहास
हिमाचल प्रदेश की शांत पहाड़ियों में स्थित राष्ट्रपति निवास 'मशोबरा' शांति और प्राकृतिक सुंदरता का एक कालातीत प्रतीक है। राष्ट्रपति निवास का इतिहास 19वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब इसे ब्रिटिश प्रशासन द्वारा कोटि के राजा से पट्टे पर लिया गया था। उस समय इसे "द रिट्रीट" के नाम से जाना जाता था, यह संपदा भारत के वायसराय के लिए एक शांत और आरामदायक निजी प्रवास का अनुभव देती थी। शिमला से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 'द रिट्रीट', जिसे 1864 में ब्रिटिश काल में भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था, शासन की औपचारिकताओं से दूर एकांत स्थान था।.
शिमला में स्थित भव्य वाइसरीगल लॉज के विपरीत, जो गर्मियों के महीनों में ब्रिटिश सत्ता का आधिकारिक केंद्र हुआ करता था, 'द रिट्रीट' में वायसराय को और अधिक व्यक्तिगत, अंतरंगता का अनुभव प्राप्त होता था। टीक, देवदार, चीड़ और दुर्लभ भुर्ज वृक्ष (वर्च ट्री) जैसे पेड़ों के विशाल जंगल इत्मीनान से सैर और शांत चिंतन के लिए एक विश्रांत आश्रय स्थल है। इन शांतिपूर्ण परिवेशों में ही ब्रिटिश प्रशासन के कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।
राष्ट्रपति का आधिकारिक एकांतवास
1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, 'द रिट्रीट' एक औपनिवेशिक युग के रिट्रीट से राष्ट्रपति संपदा के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में परिवर्तित हो गया। इस सम्पदा को 1965 में राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा भारत के राष्ट्रपति के लिए आधिकारिक एकांतवास के रूप में मान्यता दी गई थी, जिन्होंने पूर्ववर्ती ग्रीष्मकालीन रिट्रीट को ऐतिहासिक वाइसरीगल लॉज से स्थानांतरित कर दिया था। राष्ट्रपति निवास अब सिकंदराबाद में राष्ट्रपति निलयम और देहरादून में राष्ट्रपति आशियाना के साथ-साथ राष्ट्रपति के तीन आधिकारिक रिट्रीट में शामिल है। यह संपदा राष्ट्रपति का एक प्रिय स्थान है, जो कार्यालीय तनावों से राहत पाने, अनौपचारिक बैठकें करने और प्राकृतिक परिवेश से जुड़ने के लिए मशोबरा आते हैं।
वास्तुकला की सादगी और प्राकृतिक सामंजस्य
राष्ट्रपति निवास की वास्तुकला एक विश्राम स्थल के रूप में इसके उद्देश्य को दर्शाती है। पारंपरिक धज्जी विनिर्माण पद्धति का उपयोग करके बनायी गई यह इमारत पत्थर और ईंट से भरी लकड़ी की फ्रेम वाली दीवारों की संरचना का आसपास के परिदृश्य के साथ सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। इसकी सरल लेकिन सुरुचिपूर्ण डिजाइन गर्मजोशी और आराम का अहसास कराती है, जो विश्राम और चिंतन के लिए एक उत्तम स्थान के रूप में सर्वाधिक उपयुक्त है। औपनिवेशिक काल के भव्य आवासों के विपरीत राष्ट्रपति निवास एक ऐसा स्थान है जहाँ प्रकृति केंद्र में है।
प्राकृतिक अभयारण्य
राष्ट्रपति निवास के आस-पास के जंगल न केवल मनोरम हैं, बल्कि संपदा के पारिस्थितिक (इकोलॉजीकल) महत्व के लिए भी आवश्यक हैं। संपदा के मैदान वनस्पतियों और जीव- जन्तुओं का एक व्यापक विविधतापूर्ण निवास स्थान है, जिनमें तितलियों की लगभग 50 प्रजातियाँ शामिल हैं, इनमें से कुछ प्रजातियाँ इस क्षेत्र में अत्यंत दुर्लभ हैं। हिमालयन सार्जेंट तितली और डेथ हेड हॉक मॉथ इस संरक्षित वातावरण में पनपने वाले अद्वितीय वन्यजीवों के दो अनूठे उदाहरण हैं। मुख्य भवन के सामने गर्व से खड़े दुर्लभ भुर्ज ट्री संपदा के विशिष्ट आकर्षण को और बढ़ा देते हैं।
राष्ट्रपति निवास, प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और शांत वातावरण के मिश्रण के साथ, नेतृत्व और प्रकृति के बीच कालातीत संबंध का एक स्थायी प्रमाण है। औपनिवेशिक युग के विश्राम गृह से लेकर राष्ट्रपति निवास तक का इसका इतिहास, समय के साथ भारत की यात्रा को दर्शाता है, साथ ही, यहाँ आने पर हमेशा मिलने वाली शांति और आत्मनिरीक्षण की विरासत का यह सम्मान करता है।
मुख्य आकर्षण
1. राष्ट्रपति निवास का मुख्य भवन
निवास की मुख्य इमारत का अंदरूनी हिस्सा, जो पूरी तरह से लकड़ी से बना है और जिसकी दीवारें धज्जी विनिर्माण कला से बनी है और भूकंपरोधी हैं, यह इमारत आम जनता के लिए खोल दी जाएगी। आगंतुक राष्ट्रपति विंग, आधिकारिक भोजन कक्ष और कलाकृतियों को देखकर राष्ट्रपति के जीवन की झलक पा सकेंगे।
2. राष्ट्रपति निवास लॉन
राष्ट्रपति निवास के लॉन में कई तरह के आकर्षण हैं, जैसे कि ट्यूलिप और गुलाब के फूलों की क्यारियों, साथ ही 40 से ज्यादा किस्म के फूल, एक समारोहिक लॉन, एक ध्वज स्तंभ और एक दूरबीन, जहाँ से पर्यटक लुभावने पहाड़ी नज़ारे देख सकते हैं। राष्ट्रपति निवास के लॉन आगंतुकों के लिए क्षेत्र के शांत वातावरण में और खो जाने का एक आदर्श माध्यम हैं।
3. कल्याणी हेलीपैड
यह हेलीपैड पूरे क्षेत्र में सबसे ऊंचे स्थान पर बनाया गया है। हेलीपैड से आप लुभावने सूर्यास्त का अनुभव कर सकते हैं और लहरदार पहाड़ियों और हरी-भरी हरियाली के बीच शिमला, कुफरी, चैल और जाखू हिल्स का 360 डिग्री नज़ारा देख सकते हैं। हेलीपैड से आप देव टिव्वा (6001 मीटर), श्रीखंड महादेव चोटी - (5227 मीटर), बद्रीनाथ (7070 मीटर) और पार्वती पर्वत (6633 मीटर) आदि चोटियों को देख सकते हैं।
4. हेलीपैड नेचर ट्रेल
हेलीपैड से गेट 2 तक लगभग 2.2 किमी का रास्ता शिमला की समृद्ध वनस्पतियों के बीच रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है। घने टीक, देवदार, चीड़ और रोडोडेंड्रोन के जंगलों से होकर पद-यात्रा करने पर मनमोहक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
5. स्लोप गार्डन
सेब के बाग में जाते हुए रास्ते में स्लोप गार्डन में आप 40 से अधिक प्रकार की वनस्पतियों को देखने का अनुभव कर सकते हैं, जैसे हॉर्स चेस्टनट, अखरोट, हरा मैपल आदि।
6. सेब के बगीचे - प्रकृति पथ
राष्ट्रपति निवास के बगीचे फलदार वृक्षों से भरे हुए हैं, जिनमें 375 सेब के पेड़, देवदार और चेरी के वृक्ष शामिल हैं और ये आउटडोर साहसिक और रोमांचकारी अनुभव चाहने वाले आगंतुकों के लिए प्रकृति की रमणीक वादियों का सुखद अनुभव कराते हैं। सूर्योदय-सूर्यास्त के दर्शनीय स्थल जैसे कई आकर्षण जनता के लिए खोल दिए गए हैं।