फरवरी 2006 में उद्घाटित, संगीतमय उद्यान राष्ट्रपति, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की एक अन्य पहल थी। यह संगीत और विज्ञान के तालमेल से मानव सर्जनात्मकता का एक उदाहरण है। राष्ट्रपति संपदा के एक क्षेत्र जिसे पहले नर्सरी के रूप में प्रयोग किया जाता था, में स्थापित संगीतमय उद्यान में तीन विशाल फव्वारे हैं जो डिजीटल इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म, हाइड्रो डायनेमिक और हाइड्रो स्टैटिक का प्रदर्शन करते हैं। संगीत को डिजीटाइज किया गया है तथा ऑडियो सिस्टम को कंप्यूटरीकृत कार्यक्रम नियंत्रक के माध्यम से संचालित किया जाता है
टेनिस कोर्ट, जैव विविधता पार्क, बोन्साई उद्यान तथा औषधीय उद्यान से घिरा हुआ यह संगीतमय उद्यान इस क्षेत्र की नीरवता को भंग करके इसे जीवंतता प्रदान करता है। इस उद्यान भूमि में राष्ट्रीय पक्षी को प्राय: हर्षित होते हुए देखा जा सकता है। संगीतमय फव्वारे शहनाई, वीणा की शास्त्रीय धुनों तथा वंदे मातरम् जैसे देशभक्तिपूर्ण गीतों पर पूरी तरह ताल मिलाते हैं जबकि श्वेत से लेकर लाल जैसे अनेक रंगों के साथ चमकती हुई रोशनी संपूर्ण माहौल को जादुई बना देती है। राष्ट्रपति भवन के संगीतमय उद्यान में पंडित शिव कुमार शर्मा की मुग्धकारी प्रस्तुति हुई है जिसमें फव्वारों ने उनके संतूर वाद्य के सुरों पर नृत्य किया था। इस उद्यान के वटवृक्ष साथ लगे हुए औषधीय उद्यान को अलग करते हुए एक प्राकृतिक सीमा प्रदान करते हैं।