भारतीय लोकतंत्र और एकता का प्रतीक
आध्यात्मिक उद्यान

आध्यात्मिक उद्यान

प्राय: राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का सबसे अद्भुत सृजन कहा जाने वाला राष्ट्रपति भवन का आध्यात्मिक उद्यान, वास्तव में एक विशिष्ट संकल्पना है। भारत के अनेक पंथों से संबंधित यहां के पौधे और वृक्ष एक साथ उगाए गए हैं। इस उद्यान का उद्देश्य पंथीय और सांस्कृतिक मतभेदों के बावजूद सद्भावनापूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश प्रसारित करना तथा एक-दूसरे के प्रति सहिष्णुता अभिव्यक्त करना है।

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आध्यात्मिक उद्यान में प्रवेश करते ही 25 अक्तूबर, 2007 को डॉ. देवीसिंह शेखावत द्वारा रोपित रुद्राक्ष वृक्ष दिखाई देता हे। आध्यात्मिक उद्यान में अनेक पंथों के लिए पवित्र लगभग 40 विभिन्न पौधे और वृक्ष हैं। उद्यान की विशिष्ट प्रजातियों में खैर, बांस, चंदन, हिना, सीता-अशोक, बटर वृक्ष, मंदिर वृक्ष, कदंब, पारस, पीपल, अंजीर, खजूर, कृष्ण बरगद, चमेली, रीठा, शमी तथा बहुत से वृक्ष शामिल हैं। राष्ट्रपति की सचिव, श्रीमती ओमिता पॉल द्वारा 13 फरवरी, 2015 को एक सरोवर का निर्माण करवाया गया था। यह छोटा सा जलाशय जिसे अध्यात्मिकता को समर्पित किया गया है, में कमल और वाटर लिली की किस्में हैं।